फोटो साभार :AIR
नीले बॉर्डर के तले
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प्यार की भूख 
रोटी की भूख से होती है बड़ी 
यही कहा था  उस ' निर्मल हृदय ' ने 
जिसने उठाए थे सड़कों से 
बेसहारा, अनाथों और ग़रीबों को 
और अपनी एक -एक थपकी से 
जीत लिया था मन सारी दुनिया का 
नहीं बन पाता है हर कोई 
उस नीले बॉर्डर वाली साड़ी जैसा ममत्व की छाँव 
जिसके लिए खुले हों हर पल कोई न कोई ठाँव 
उसकी निश्छल मुस्कुराहट नहीं सीख पाईं 
वे विश्व सुंदरियाँ भी 
जिन्होंने लेकर उसका रटाया हुआ नाम 
जीत लिए सुंदरता के सबसे बड़े तमगे 
पर बन न पाईं वास्तव में उस जैसा सुंदर 
उस पर फेंके गए आरोपों के पत्थर 
पर वो चलती रही 
सड़कों पर बिखरे 'कूड़ों 'को 
अपने विशाल दामन में समेटे 
क्योंकि असली 'संत ' खिलते रहते हैं 
बेपरवाह फूल की कली* बनकर 
बिखेरते हुए अपनी सुगंध
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-सरिता स्निग्ध ज्योत्स्ना
*गोंझा का अर्थ होता है फूल की कली 
एक श्रद्धांजलि मदर टेरेसा (एग्नेस गोंझा* बोयाजियू) के प्रति
जन्म -26 अगस्त 1910 
मृत्यु- 5सितंबर 1997

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