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बड़े घर की लड़की

बड़े घर की लड़की 

अब वह भी खेल सकती है भाई के सुंदर खिलौनों से 
अब वह भी पढ़ सकती है भाई के संग महंगे स्कूल में 
अब वह भी खुलकर हँस सकती है लड़कों की तरह 
वह देखने जा सकती है दोस्तों के संग सिनेमा 
वह जा सकती है अब काॅलेज के पिकनिक टुअर पर 
वह रह सकती है दूर किसी महानगरीय हाॅस्टल में 
वह धड़ल्ले इस्तेमाल कर सकती है फेसबुक, ह्वाट्सएप और ट्विटर 
वह मस्ती में गा  और नाच सकती है फैमिली पार्टी में 
वह पहन सकती है स्कर्ट ,जीन्स और टाॅप

वह माँ - बाप से दोस्तों की तरह कर सकती है बातें 
वह देख सकती है अनंत आसमान में उड़ने के ख़्वाब 
इतनी सारी आज़ादियाँ तो हैं बड़े घर की लड़की  को 

बस जीवनसाथी चुनने का अधिकार तो रहने दो 
इज़्ज़त-प्रतिष्ठा धूमिल हो जाएगी ऊँचे खानदान की 
वैसे सब जानते हैं कि साँस लेने की तरह ही 
लिखा है स्वेच्छा से विवाह का अधिकार भी 
मानवाधिकार के सबसे बड़े दस्तावेज में !
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