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जींस - मोबाइल, ना बाबा न !

जींस - मोबाइल  ....ना बाबा ना ! *************************** ना बाबा ना  हम हैं  बड़ी संस्कारी लड़कियाँ   पिता के माथे की लाज बेटियाँ  हम वही अपनाएंगी  जो तुम रटाओगे  तुम ठहरे शिक्षक बड़े ज्ञानी  माँओं  और दादियों ने पहनी थी साड़ी  अब हमारी  है बारी   साड़ियों ने की है इतनी मेहरबानी   द्रौपदी की लाज बचाई या उतारी  पता नहीं फिर भी सुंदर कहानी   मोबाइल भी नहीं रखेंगे  वरना बिगड़ जाएंगी हम   बस लड़कों को बिगड़ने दो  क्योंकि यह उनका जन्मसिद्ध अधिकार है  और देखो न अगर मोबाइल रख लिया  अपने पास  तो टूट जाएगा तुम्हारे द्वारा फैलाया गया बहुत सुन्दर भ्रम  कि तुम्हारी स्मृतियों और धर्मग्रंथों  के अनुपालन वाली दुनिया बहुत सुन्दर है  और हम देख लेंगी तुम्हारे जानवरों के घृणित वीभत्स कुकर्म   कि  एक साल की गुड़िया नहीं महफ़ूज इस नरक में  और शर्म -लाज से बहुत ऊपर उठ चुकी सौ साल की बूढ़ी औरत  के जीवित जिस्म को भी  बिना पंखों वाले गिद्ध नोच डालते हैं बेरहमी से   हे शिक्षकों   बचा क्या रहा है अब ढँकने को  अपने लड़कों को सिखाओ न  कि भेड़िये और गिद