सुनो बालिके ....सुनो ! ********************** बधाई तुम्हें कि इस दुनिया में तुम आ ही गई पर इस खुशी को संभालने की ख़ातिर सीखने होंगे कई नए पाठ अभी तो यह पहला व्यूह था बाक़ी हैं कठिनतर सफ़र पार करना होगा समूचा चक्रव्यूह चलो अच्छा है अभी तुम्हारे खेलने - खाने के दिन हैं तुम बहुत खुश लग रही हो अपने रंगबिरंगे किचेन सेट में दाल -भात ,रोटी और चाय के अलावा पिज्जा -बर्गर भी पकाकर और अपने इस खेल में मम्मी -पापा को झूठमूठ का परोसकर तुम इतरा रही हो पर रूको अभी देखो इसके आगे कई मुक़ाम हैं तुम भी खेलो कमरे से निकालकर बाहर अपने पाँव रखो रनों का हिसाब चोट करो शटल पर संतुलन साध घरेलू बिल्ली से ही प्यार मत बढ़ाओ सीखो शेरनी से दहाड़ पूरी दुनिया है सियासत बिछी शतरंज की बिसात चलता रहता शह और मात दिन हो या रात अरे बालिके मत रचाओ गुड्डे - गुड़ियों का ब्याह राजकुमारी बनकर मत घूमो परीलोक का छद्म संसार मत बुनो सुनहरे ख्वाब अप...