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मैग्नाकार्टा: बंद दरवाज़ों का

मैग्नाकार्टा :बंद दरवाज़ों का 

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एक दिन मिली

उस लेखिका से 

जिसकी एकमात्र बिटिया में ही 

उसके जीवन की पूरी कृति शामिल थी 


एक दिन मिली 

उस वकील से 

जिसकी दो बेटियों के नाम 

लिखी हुई थी 

उसकी ज़िन्दगी की पूरी वसीयत 

एक दिन 

उस अभिनेत्री से मिली 

जिसने दो बेटियों के रंगमंच पर 

छोड़ रखी थी 

अपने नारीवादी अभिनय की अमिट छाप  

कल एक डॉक्टर से मिली 

जो अपनी नन्हीं बेटियों की तस्वीरें

क्लिनिक में टांगे 

दे रहा था नसीहतें मूर्ख भेड़ों को 

आज मिली 

एक अनपढ़ औरत से 

जो कर रही थी 

अपने पिता का अंतिम संस्कार 

तमाम अमिट रिवाज़ों के बावजूद 


कुल मिलाकर 

उन औरतों और मर्दों से

मैं मिलती जा रही हूँ अपने आसपास

 जो गढ़ रहे हैं नई परिभाषाएं 

हालांकि अब भी न्यूज चैनलों पर 

दिखाए जा रहे हैं एक महानगर के

 पुराने कुँएं में  मिली 

दर्ज़नों  अजन्मी  बच्चियों की 

अंग -भंग की हुई लाशों के वीभत्स दृश्य 

या कूड़े के ढेर में मिली 

किसी नवजात कन्या की अंतिम-सी साँसें 

इन घिसे -पिटे दृश्यों के बीच 

मैं नई परिभाषाओं पर पक्की मुहर चाहती हूँ 

कोई गीता या क़ुरान नहीं लिखना चाहती हूँ

अजन्मी साँसों की ख़ातिर 

मानवता का नया संविधान पढ़ना चाहती हूँ

-सरिता स्निग्ध ज्योत्स्ना
महाष्टमी,  नवरात्रि ,2016.

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