भारतमाता के देश में........................ ???????????????????????????? वे घोड़े नहीं जो बार - बार चाबुक चलाया जा रहा है वे भूली नहीं हैं जो मनुस्मृति दोहराया जा रहा है वे हथियार नहीं जो राजनीति चमकाया जा रहा है वे अगरबत्ती नहीं कि पूजाघर महकाया जा रहा है वे कठपुतलियाँ नहीं जिन्हें मनमर्जी नचाया जा रहा है बेचने को है बहुत कुछ पर उन्हें बाज़ार बनाया जा रहा है वे औरते हैं हुजूर आज भी सिर्फ़ उन्हें अनुशासन का पाठ पढ़ाया जा रहा है सुना है ज़ोर से आजकल मेरा देश बदला जा रहा है -सरिता स्निग्ध ज्योत्स्ना