इस जनम की बिटिया बिटिया सोई है पर न जाने किस दुनिया में खोई है रह-रहकर जब वह मुस्कुराती है दादी-नानी कहती हैं- 'नींद में उसे हँसाते हैं रामजी' जो भी हो उसकी मुस्कुराहट दुनिया की सबसे हसीन मुस्कुराहट लगती है नज़र न लगे किसी की अभी अभी तो वह इस दुनिया में आई है ये बिटिया पहली संतान है इसलिए आ रहीं हैं तरह-तरह की बधाइयाँ, 'कोई बात नहीं बेटी हुई है तो अगली बार बेटा भी मिल जाएगा' सांत्वना की बारंबार आवृत्ति के साथ यह भी कि लक्ष्मीजी आपके घर आई हैं हर बधाई का स्वागत करना मज़बूरी है मेरी पर अपने शुभचिंतकों का दिल दुखाए बिना यह कहने से रोक नहीं पाती खुद को बेटा-बेटी की किलकारियों का फर्क नहीं मालूम मुझे अपना अंश जैसा भी हो जान से प्यारा लगता है सचमुच जब जब वह मुस्कुराती है नज़र आता है बस एक नन्हा फरिश्ता जिसमें मुझे ज़िन्दगी बार बार झांककर मेरी ही अगली कड़ी का देती है आमंत्रण याद नही रह पाता तब समाज का इतिहास-भूगोल रटी-रटाई ख्वाहिशें आदमी की भेड़चाल ...