मित्रों,नमस्कार । एक लंबे अंतराल बाद यहाँ आना संभव हो पाया है । दरअसल आजकल अपनी बातों के संप्रेषण के कई माध्यम हैं ।समय के साथ साथ जैसे प्रिंट मीडिया से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरफ़ लोगों का रूख हुआ ,उसी तरह अब पढने की बजाय कुछ लोग सुनने -देखने में ज़्यादा रुचि लेते हैं ।विदेशों की तरह भारत में भी वीडियो का प्रचलन बढ़ रहा है । मैं भी अब इस अधिक संप्रेषणीय माध्यम के सहारे अपनी बात अधिक लोगों तक पहुँचाने की छोटी कोशिश में लगी हूँ । कुछ मित्रों ने इसे सराहा है । आप भी इसे देखें- परखें।पसंद आए तो लाइक करें ,शेयर करें । मैंने यू ट्यूब पर एक चैनल बनाया है जिसमें अपनी अभिरुचि के अनुरूप साहित्य ,कला एवं प्रकृति के संयोजन का अपने सीमित साधनों में एक छोटा सा प्रयास है ।आप इसे सब्सक्राइब करेंगे तो मुझे प्रोत्साहन मिलेगा । लिक है : https://www.youtube.com/channel/UCwKPATswcN0gfHA0LYaxyg